ऐसा प्यार जो दिल से किया और ....

ऐसा प्यार जो दिल से किया और ....



रोज सुबह- सुबह मैं टहलने के लिए घर के पास वाले गार्डन जाया करता था, बहुत सारे लोग वहां पर आया करते थे, एक दिन मैं गार्डन के अंदर लगी सीट पर बैठा हुआ था, तभी मेरी नजर सामने बैठी एक लड़की पर गई, जो चुपचाप अपनी आंखे बंद कर बैठी हुई थी. उसको देखने के बाद मुझे लगा कि मेरी खोज पूरी हुई, मुझे अंदर से ऐसा लगने लगा कि जैसे ये मेरे लिए ही बनी है, गार्डन में और भी लड़कियां आती हैं, लेकिन इसकी बात ही कुछ अलग थी. मैं बस उसे ही देख रहा था.

उसकी मासूमियत, उसकी अच्छाईयां उसकी चहरे से ही दिख रही थी. फिर अचानक से मेरे सामने मेरे एक अंकल आ गए और मुझसे बातें करने लगे, कुछ देर के बाद जब वो चले गए, और वो लड़की भी जा चुकी थी. फिर मैं अपने घर आ गया. लेकिन मेरा किसी भी काम में मन नहीं लग रहा था, मुझे हर जगह सिर्फ वही लड़की दिखाई दे रही थी. सुबह के न्यूज़ पेपर में भी उसका चेहरा तो सुबह के चाये में उसका चेहरा. मेरे तो उसके प्यार में लग रहा था कि पागल हो गया हूँ. दिन भर मुझे बस सुबह क इन्तेजार था,



कब सुबह होगी और मैं कब गार्डन जाऊंगा और उससे मिलूँगा. अगले दिन मैं जल्दी ही गार्डन पहुँच गया, इतनी जल्दी चला गया कि गार्डन का दरवाजा भी नहीं खुला था. उससे मिलने की बेचैनी मेरे चेहरे पर साफ दिख रही थी. जब दरवाजा खुला तो मैं अंदर जा कर बैठ गया. कई देर के बाद वो मुझे दिखाई दी, मैं जल्दी से उससे बात करने के लिए खड़ा हुआ, लेकिन मेरी उससे बात करने के लिए हिम्मत नहीं हुई. मैं सिर्फ उसे देखता रहा, ऐसा कई दिनों तक चलता रहा, एक दिन वो मुझे एक मार्केट में मिल गई,

 वहां मेरी उसे थोड़ी सी बात हुई फिर इसके बाद हमारी खूब बातें होने लगी, अब हम साथ में घुमने लगे. एक  न मौका देख कर मैंने से प्रप्रोस भी कर दिया, और वो मान भी गई. फिर एक दिन आचानक से उसका बहुत बुरा  क्सीडेंट हो गया, ये एक्सीडेंट इतना ज्यादा भयानक थाकि उसका पूरा का पूरा सुन्दर चेहरा जल गया, अब वो  तनी खुबसुरत दिखती थी, उससे कहीं ज्यादा बदसूरत हो गई थी. लेकिन मेरा प्यार उसके लिए कम नहीं हुआ,  ल्कि और बढ़ गया.जब वो ठीक हो गई, लेकिन उसका चेहरा

ठीक नहीं हुआ, हमने उससे शादी कर ली. हमारी शादी को कई साल हो गए, लेकिन उसका चेहरा अभी भी वैसा ही है. लेकिन मेरा प्यार उसके लिए कम नहीं हुआ.

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