नाचने वाली की एक अनोखी प्रेम कथा

नाचने वाली की एक अनोखी प्रेम कथा



रोज शाम को मेरे घर के बाहर साइकिल की घंटी बजा के वो मुझे बालकनी में आने का न्योता देती थी, और मैं भी उस आवाज को सुनकर भागा भागा बालकनी में आजाता और उसे देख कर मुश्कुरा देता, वो बचपन के दिन थे, जो अब याद बन कर रहे गए हैं. दरअसल जब मैं छोटा था, तब मेरी सिर्फ एक फ्रेंड थी, उसका नाम रेशमा था, वो मेरे घर के पास वाली बस्ती में रहती थी, उसकी मां नहीं थी, और बाप कुछ खास नही कमाता था. रेशमा के घर की आर्थिक हालत कुछ ठीक नहीं थी. हम शाम को अक्सर खेला करते थे. मेरे पिता जी बड़े व्यापारी थे, उनके पास बहुत पैसे हुआ करते थे, वो उन लोगों की कुछ मदद कर दिया करते थे. मुझे बचपन में रेशमा से प्यार हो गया था, मैं उसके बिना एक पल भी नहीं रह पता था, वो मेरे घर में काम भी करती थी और मेरे साथ खेलती भी थी.

शायद मेरे पाप मम्मी को इस बार की भनक लग गई, उन्होंने रेशमा को घर आने से मना कर दिया. फिर वो मेरे घर के सामने मुझे बुलाने के लिए साइकल की घंटी बजाती थी. मेरे पापा ने मुझे अंगे पढ़ने के लिए विदेश भेज दिया. सात साल तक मैं विदेश में पढ़ा, लेकिन मैं अभी तक रेशमा को भुला नहीं था. जब मैं सात साल के बाद वापस अपने घर आया तो रेशमा के बारे में पता किया, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला, कुछ लोगों ने बताया की उसके बाप से उसे किसी कोठे वाली को बेच दिया है. फिर मेरी मुंबई में नौकरी लग गई, लेकिन मेरा मन अभी भी रेशमा पर अटका हुआ था. मैं यही सोंच- सोंच कर परेशान रहता कि वो किस हाल में होगी. मैं मुबई में नौकरी करने लगा. एक बार मेरे दोस्त ने एक बियर बार में अपने जन्मदिन की पार्टी रखी, और मुझे खास बुलाया, क्योंकि मैं उसका खास दोस्त था. उस बियर बार में डांस बार भी था, हम वहीं बैठे बियर पी रहे थे, मेरे कुछ दोस्त शराब भी पी रहे थे.

तभी मेरी नजर डांस बार में डांस कर रही एक लड़की पर गई, जो मुझे रेशमा की तरह दिख रही थी. जब मैंने वहां से मैनेजर से उस लड़की न नाम पूंछा तो उसने उसका नाम रेशमा बताया और उसका गाँव भी बता दिया. पार्टी ख़त्म होने के बाद मैंने मैनेजर से परमिशन लेकर रेशमा से मिलने गया, लेकिन रेशमा ने मुझे पहचाने से ही इनकार कर दिया, मुझे यकीन था कि वो मुझसे झूठ बोल रही थी.



एक दिन मैं आचानक से उसके घर चला गया, जैसे ही मैं उसके घर के अन्दर गया, तो मेरी आखों में आंसू आ गए, उसने अपने घर में मेरे बचपन की फोटो लगा रखी थी. रेशमा भी मुझे देख कर रोने लगी. वो मुझे वहां से जाने के लिए बोल रही थी. रेशमा ने मुझसे बोला कि ये गन्दी बस्ती है, तुम यहाँ ये जाओं नहीं तो ये तुम्हारे दामन को गन्दा कर देगी. मैंने रेशमा को भी साथ चलने के लिए बोला, लेकिन उसने मना कर दिया, वो बोली मैं इसी गंदगी में रहती हूँ, अगर तुम्हरे साथ गई तो तुम्हारे चरित्र पर भी दाग लग जायेगा, जो मुझे अच्छा नही लगेगा, रेशमा से मैं अभी भी प्यार करता था और रेशमा भी मुझसे हादसे ज्यादा प्यार करती थी.

अगले ही दिन मैंने डांस बार के मालिक से रेशमा को खरीद लिया और उसे अपने घर ले आया, समाज क्या सोंचेगा इसकी बिना परवाह करते हुए मैंने रेशमा से शादी कर ली. शुरुआत में मैंने भी बहुत जिल्लत सही लेकिन धीरे धीरे सब ठीक हो गया.

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