कॉलेज में नेता जी की बेटी के साथ किया, जबरदस्त प्यार

कॉलेज में नेता जी की बेटी के साथ किया, जबरदस्त प्यार


कॉलेज के दिनों में मैं अक्सर अपने दोस्तों के साथ नई नई जगह घुमने जाया करता था, असल में मैं मनाली में पढ़ाई किया करता था, वहां का नज़ारा मुझे बहुत अच्छा लगता था, ऊँचे ऊँचे पहाड़, जंगल, झील सब कुछ एक जनत की तरह लगता था. इस घरती की जन्नत में मुझे एक दिन मेरा प्यार भी मिल गया. जिसके साथ अब मैं पूरी जिन्दगी बिता रहा हूँ. मेरे प्यार ने तो शुरुआत में बहुत मुसीबतों का सामना किया है, लेकिन आखिर में मेरे प्यार की ही जीत हुई.

बात उन दिनों की है, जब मैं इंजीनियरिंग के तीसरे वर्ष में था, एग्जाम ख़त्म हो चुके थे, इस बार मेरे दोस्तों ने मनाली के आस पास घुमने का और घर न जाने का प्लान बनाया, सब राजी हो गए, मुझे भी घर में अच्छा नहीं लगता था, घर जाओ तो सब का यही सवाल होता, इंजीनियरिंग के बाद क्या करोगे. हर बार की तरह इस बार भी हम लोग एक हिल स्टेशन में घुमने गए हुए थे, इस बार पास वाले कॉलेज की कुछ लड़कियां भी वहां घुमने आई हुई थीं. सभी लड़कियां मस्ती कर रही थीं, लेकिन एक लड़की अकेले बैठी हुई थी. और कुछ बुक्स पढ़ रही थी. मुझे उसे देख कर थोड़ा आजीब सा लगा. कोई घुमने के दौरान किताब पढ़ता है क्या?

मैं उसके पास गया और उससे बातें करने लगा, उसका नाम पूजा था, दरअसल उसे नावेल पढ़ने का बहुत शौक था और उसे भी अपने घर में अच्छा नहीं लगता था. इसलिए वो दोस्तों के साथ घुमने निकल जाती है. उस दिन मैं उससे करीब तीन से चार घंटे तक बाते की थीं. अब धीरे धीरे हमारी दोस्ती भी और गहरी होते जा रही थी, हमारा कॉलेज और उसका कॉलेज पास में ही थे, तो हम अब रोज मिलने लगे, हमारी दोस्ती कब प्यार में बदल गई, पता ही नहीं चला और कब इंजीनियरिंग की पढाई पूरी हो गई ये भी पता नहीं चला,


उस दिन कॉलेज का आखिर दिन था, मैं उससे मिलने गया था. इतेफाक से वो जिस शहर से थी मैं भी उसी शहर में रहता था, लेकिन उसके पापा उस शहर में जाने माने नेता थे. हम दोनों अपने अपने घर चले गये. पूजा अपने पापा से बहुत डरती थी. इसलिए बड़ी मुस्किल से उससे मिलाना होता था. पूजा के पापा पूजा को आंगे की पढाई के लिए बाहर नहीं भेजना चाहते थे बल्कि उसकी शादी करवाना चाहते थे. दरअसल उनको कहीं से हमारे प्यार के बारे में पता चल गया था. जैसे ही उनको इस बारे में पता चला, मेरी तो पिटाई शुरू हो गई.

मैं सब कुछ समझ चूका था. लेकिन मैंने हार नहीं मानी और हम दोनों घर से भाग कर शादी कर लिए, उन्होंने हमारे प्यार को तोड़ने के लिए क्या नहीं किया, लेकिन वो भी हार मन गए.

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