अपूर्ण प्रेम और संबंध

अपूर्ण प्रेम और संबंध



कविता अपने पति के साथ ख़ुशी पूर्वक मुंबई में रहती थी, चूँकि दोनों की नयी नयी शादी हुई थी, इसलिए दोनों में अपार प्रेम था, कविता का पति कौशिक मुंबई में ही जॉब करता था, दोनों बहुत खुश थे, लेकिन कविता को पढ़ने का बहुत शौक था, इसलिए उसने अपने पति से बताया की वह आगे पढ़ाई करना चाहती है, वह पी० एच० डी० करना चाहती है, कौशिक मना नहीं कर पाया, और कविता ने अपनी पी० एच० डी० की पढ़ाई शुरू कर दी, उसका विषय पर्वत से सम्बंधित था, इसलिए उसे मसूरी जाना पड़ा अपने रिसर्च काम के लिए, जहाँ उसकी मुलाकात संजीव से हुई, संजीव भी मसूरी में अपना रिसर्च का काम कर रहा था, लेकिन उसका टॉपिक पहाड़ी पेड़-पौधा था, इसलिए वह भी मसूरी में पहाड़ो पर उगे हुए पेड़ के बारे में और जानने के लिए मसूरी आया हुआ था, शुरू शुरू में तो चूँकि दोनों रिसर्च कर रहे थे, इसलिए दोनों में अपने अपने रिसर्च के टॉपिक पर बात होती थी, फिर बात होते होते दोनों अच्छे दोस्त बन गए, इस दोस्ती में कविता ने संजीव को यह नहीं बताया की वह शादी शुदा है, वह सिर्फ संजीव से टाइम पास कर रही थी, लेकिन वक्त के साथ साथ संजी९व कविता के बहुत करीब आ गया, 6 महीने तक दोनों मसूरी में रहे, इस समय में जहाँ संजीव कविता से प्यार करने लगा था वहीँ कविता सिर्फ टाइम पास कर रही थी, फिर दोनों का रिसर्च काम पूरा हो गया, संजीव वापस अपने घर दिल्ली लौट आया वहीँ कविता वापस मुंबई अपने पति कौशिक के पास लौट आयी, लेकिन बिच बिच में कविता और भी जगहों पर जाती रहती थी, मुंबई पहुंचने के बाद भी संजीव कविता से बात करता था, और एक दिन उसने अपने प्यार का इजहार कर दिया, हलाकि कविता को संजीव का व्यवहार, बात करने का अदा, उसके लिए उसका सोच सब कुछ अच्छा लगता था,


कहीं ना कहीं कविता भी संजीव को पसंद करने लगी थी, लेकिन कविता को यह भी पता था की उसका पति कौशिक उससे बहुत प्यार करता है और वह कौशिक को धोखा नहीं दे सकती, अब ना तो वह संजीव को अपना सच बता पा रही थी, न यही कौशिक को संजीव के बारे में बता पा रही थी. एक बार फिर कविता को अपने काम से बाहर जाना पड़ा, लेकिन उसका काम जल्दी खत्म हो गया तो वह कौशिक को सरप्राइज देने के लिए बिना बताये घर लौट आयी, वह आज बहुत खुश थी और उसने सोच लिया था की आज वह कौशिक को संजीव के बार इ में सब कुछ बता देगी और कौशिक के साथ साथ संजीव से भी माफ़ी मांग लेगी. मुंबई पहुंचने के बाद ज्यूँ ही उसने अपना घर खोला तो पाया कौशिक किसी और लड़की के साथ बेड पर था, जिसे देख कर कविता आग बबूला हो गयी, उसने रात भर कौशिक के साथ झगड़ा किया, कौशिक ने भी बता दिया की वह उस लड़की से प्यार करता है, अंत में कविता ने कौशिक को छोड़ दिया और उस लड़की से शादी कर लेने के लिए हामी भर दी, कौशिक घर छोड़ कर चला गया, कविता ने कौशिक के जाने के बाद संजीव को बुलाया, और संजीव को सब कुछ सच सच बता दिया, जिससे संजीव को बहुत बुरा लगा, और उसने कविता से कहा की उसे अपना सच पहले बताना चाहिए था, उसने उसे धोखे में रखा, यह गलत किया और वहां से चला गया, कविता आज अकेली और अकेली रह गयी, उसका प्यार अधूरा ही रह गया.

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