लेडीज में मानसिक रोग का भावनात्मक उपचार

लेडीज में मानसिक रोग का भावनात्मक उपचार



यह सच है कि पुरूषों की अपेक्षा ladies ज़्यादा भावुक होती हैं। इसी कारण से ladies मानसिक रोग या अत्यधिक भावुकता की शिकार हो जाती हैं। इस चीज़ का उपचार करने का सिर्फ़ एक ही तरीक़ा है – जैसे लोहा लोहा को काट सकता है, ठीक वैसे ही Mental रोगी भावनात्मक उपचार से ठीक हो जाता है। क्योंकि ऐसे लोगों का इलाज संयम व With love करना आवश्यक होता है।

Mental रोग के लक्षण


Mental रोग के लक्षण ग़ुस्सा, चिड़चिड़ापन, शीघ्र रोने लगना, रोने की आदत, नींद में कमी, भूख न लगना, घुटन Feel करना, हमेशा बंद कमरे में रहना पसंद करना आदि होते हैं।

इससे ladies कैसे प्रभावित होती हैं


परिवार में एक children की प्रथा ने लोगों को एकाकीपन का शिकार बना दिया है। एक ही संतान होने के नाते mother-father का पूरा ध्यान अपने एकलौते children की सेवा व देखभाल में इस क़दर लग जाता है कि उसका बचपन छिन जाता है। जैसे हद से ज़्यादा उसकी देखभाल करना, Small चीज़ों को करने के लिए (जैसे टाइम पर पढ़ाई करो या food खाओ आदि चीज़ों के) लिए बाध्य करना, ऐसे में बच्चे का भावनात्मक उपचार और उसकी Care बड़े ही संयम से करें। Small  बातों पर टोकना उन पर किसी भी काम को लेकर दबाव डालना जैसे food खाने या पढ़ने के लिए ज़ोर देना; ये सब बंद करना होगा। क्योंकि कभी कभी ये बातें बहुत More आहत कर जाती हैं और किसी को इस बात का एहसास भी नहीं होता। अत: Small चीज़ों पर दबाव डालना बंद करें। तभी आज की पीढ़ी Mental रोग से मुक्त और स्वस्थ रहेगी।

व्यवहारिक बनना ज़रूरी है


हमें ये याद रखना चाहिए कि body पर चोट लगने से इंसान ठीक हो जाता है, परंतु मन की चोट से व्यक्ति भावनात्मक रूप से break जाता है। कहते हैं कि स्वस्थ body में स्वस्थ मन का वास होता है लेकिन जब मन ही स्वस्थ न हो तो body स्वस्थ कैसे रह सकता है। इसलिए मानसिक रोग का उपचार करने की बजाय भावुकता छोड़ Practical बनो, नहीं तो तुम्हारा मन तुम्हें अपना ग़ुलाम बना लेगा और तुम एक स्वस्थ body से भी हाथ धो बैठोगे। यह व्यवहारिकता भी

भावनात्मक उपचार का अंग है।


एक स्त्री जो एक good माँ और एक पत्नी भी है और उसका पति एक अच्छे पद पर कार्यरत है और घर में सभी तरह की सुख Facility है। लेकिन सभी तरह की सुख सुविधाओं में भी यदि वो ज़रा ज़रा सी बात पर Teasing लगे, क्रोध करे, याददाश्त कमज़ोर होने लगे, किसी भी काम में मन न लगे तो इसका Main कारण कहीं न कहीं भावनाओं का आहत होना होगा। क्योंकि वह Female सबके सामने तो ख़ुश रहने का दिखावा कर रही है लेकिन मानसिक रोग से लड़ रही है।

Mental रोग में भावनात्मक उपचार


इस तरह के केस में मै एक Female से मिली और बहुत ही सहानुभूति पूर्वक उनसे बात करने की कोशिश की पहले तो वे इस बात को बताने के लिए ready नहीं थीं। लेकिन बाद में उन्होंने अपनी पूरी बात बताई जिस family की वो 10 साल से नियम से सेवा करती है। अपने घर और अपने family के बीच एक संतुलन बनाकर दोनों चीज़ों को अच्छे से निभाने की try करती है। चूँकि स्त्री ऑफ़िस में कार्यरत है तो उसका सामना पुरुषों से भी होता है, but अगर एक स्त्री के दिल में किसी के प्रति कोई ग़लत भावना न हो और उसका husband उसे शक की नज़रों से देखे और बच्चों को भी माँ के प्रति शक करने के लिए मजबूर बना दे, तो वह Female भावनात्मक रूप से आहत कैसे नहीं होगी? ऐसे ही कारणों से परेशानियाँ मानसिक रोग का रूप ले लेती हैं। total आकर्षक व्यक्तित्व के होते हुए भी वह क्यों अधूरी है, क्योंकि वह अपनों से टूट चुकी है। पति के टूटे विश्वास के साथ साथ, children के प्रति वह चुभन लेकर जीती है।

ऐसे कई family व उनके अनगिनत क़िस्से हैं, जो अपनी एक गलत सोच के कारण पूरे परिवार को छिन्न भिन्न कर देते हैं जिससे पूरे society का हनन होता है। Mental रूप से एक बच्चा पीड़ित होता है तो देश भी प्रभावित होता है पर जब एक स्त्री Mental रोग की शिकार हो जाये तो भला देश की रक्षा करने वाली पीढ़ियाँ healthy कैसे होंगी? मानसिक रोगों का अचूक उपचार- प्यार, विश्वास, अपनापन व भावनात्मक सुरक्षा है। अत: Mental रोग से पीड़ित व्यक्ति का यथा संभव भावनात्मक उपचार करना चाहिए।

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