शिवरात्रि क्यों मनाते हैं,महाशिवरात्रि कथा,महाशिवरात्रि का उपवास किस दिन करे। शिवरात्रि का महत्व,
शिवरात्रि क्यों मनाते हैं,महाशिवरात्रि कथा,महाशिवरात्रि का उपवास किस दिन करे। शिवरात्रि का महत्व,
महाशिवरात्रि क्यों कहते हैं?

शास्त्रों के अनुसार इसी दिन शंकर पार्वती का marriage हुआ था । पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ Agniling ( जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है ) के उदय से हुआ। God शंकर को खुश करने के लिए पुरे दिन का व्रत रखा जाता है और मंदिरों में God शंकर की पूजा की जाती है और जलाभिशेक्क निसिथ काल में God शिव की Practice और पूजा की जाती है। इस दिन रात्रि Awakening करके भगवान् शंकर की पूजा करने का अत्यधिक महत्व है। एवं इस दिन पूरे year में हुई गलतियों के लिए भगवान शंकर से क्षमा याचना की जाती है तथा आने वाले वर्ष में उन्नति एवं सदगुणों के विकास, मनोकामना की पूर्ति के लिए Prayer की जाती है।
शिवरात्रि के दिन सबसे जो महत्वपूर्ण होता है वो है Panchasrari मंत्र, (पंचक्षरी मंत्र मन्त्र की जानकारी नीचे दे रहे हैं ) Mahashivaratri के दिन शिव भक्त जितना भगवान शिव के पंचक्षरी मंत्र का जप कर लेता है उतना ही उसके Intake की शुद्धि होती जाती है और शिवभक्त अंतःकरण में विराजमान भगवान् शंकर के सबसे करीब होता है। भक्तों के Inequality, रोग, दुख एवं शत्रुजनित पीड़ा एवं कष्टों का अंत हो जाता है एवं उसे परम happiness कि प्राप्ति होती है। और भगवान भोले की कृपा भक्त पर होती है।
महाशिवरात्रि का उपवास किस दिन किया जाए |
लेकिन इस साल शिवभक्तों की सबसे बड़ी समस्या यही है की महाशिवरात्रि का व्रत किस दिन किया जाए? क्योंकि Mahashivaratri का पर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। लेकिन साल 2018 में 13 फरवरी को पुरे दिन त्रयोदशी तिथि है और मध्यरात्रि में 11 बजकर 35 मिनट से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ होगी। जो अगले दिन यानी 14 फरवरी को पुरे दिन रहेगी और रात 12 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी।
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