चंद्रमा इस ब्रह्मांड में कैसे पैदा हुआ था ?

चंद्रमा इस ब्रह्मांड में कैसे पैदा हुआ था ?


जिस moon की तुलना आप अपनी महबूबा से करते हैं और जिसे हिंदू धर्मग्रंथों में चंद्रदेव कहा गया है, आप उसके जन्म की कहानी जानते हैं? Moon दरअसल ब्रह्मा जी के बेटे Maharishi अत्रि के वीर्य से प्रकट हुए थे.



भगवान ब्रह्मा के मन से पैदा हुए थे Maharishi अत्रि. बताते हैं कि अत्रि ने तीन हजार साल तक अनुत्तर नाम की कठिन तपस्या की थी. इस दौरान उनका वीर्य (स्पर्म) ग्रैविटी के Rule (नियम) तोड़कर ऊर्ध्वगामी (ऊपर की ओर बहने वाला) हो गया था. वही वीर्य Moon के रूप में प्रकट हुआ.



ब्रह्मपुराण में महाज्ञानी लोमहर्षण सूत ने बताया है कि Maharishi का वीर्य उनकी आंखों से पानी के रूप में गिरा और दसों दिशाओं में रौशनी फैल गई. Moon को गिरा देख ब्रह्मा जी ने दुनिया की भलाई के लिए उसे रथ पर बिठाया.

इस रथ पर बैठकर चांद ने समूची धरती की 21 बार परिक्रमा की. उस समय उनका थोड़ा सा ‘तेज’ Earthपर चू गया, उसी से हर तरह के अनाज आदि पैदा हुए. फिर Moon ने कई साल तक तपस्या की जिससे खुश होकर भगवान Brahma  ने उन्हें बीज, औषधि, जल और ब्राह्मणों का राजा बना दिया.

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