जब प्रथम बार 26 January मनाया गया था स्वतंत्रता दिवस, जानिए पूरी कहानी
वैसे तो लिखने और भाषण की भाषा में इस दिन को गणतंत्र दिवस कहा जाता है मगर आम लोग इसे 26 जनवरी के नाम से ही जानते हैं। ये दिन school के दिनों से ही हमारे लिए बेहद खास होता था। इस दिन हमें बहुत ज्यादा ठण्ड में सुबह-सुबह स्कूल जाना होता था। हालांकि हर नुक्कड़ पर बजते देशभक्ति के गीत हमें जोश से भर देते थे। इस दिन स्कूल में होने वाले कार्यक्रमों की भी बात ही कुछ और होती थी। इस दिन मिलने वाले मोतीचूर के laddoos के बारे में सोचकर आज भी Mouth में पानी आ जाता है।
मुद्दे की बात ये है कि इस दिन को हम childhood से मनाते हुए आ रहे हैं मगर आज भी इस खास day के बारे में कई ऐसी बातें हैं जो हम नहीं जानते। तो देर किस बात की आइये जानते हैं ऐसी ही कुछ Funny बातें।
26 को मनाया गया पहला स्वतंत्रता दिवस
26 जनवरी 1930 को जवाहरलाल नेहरू ने रवि नदी के किनारे तिरंगा लहराकर पूर्ण स्वराज दिवस या स्वतंत्रता दिवस मनाया था।
इसलिए 26 जनवरी को लागू हुआ संविधान
15 अगस्त 1947 को आजादी मिल जाने के बाद 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा। चूँकि 26 जनवरी 1930 को एक बार स्वतंत्रता दिवस मनाया जा चुका था इसलिए इस दिन संविधान लागू किया गया।
इतने दिन हुई थी बैठक
संविधान लागू होने से पहले डॉ. भीमराव अम्बेडकर की अध्यक्षता में संविधान सभा ने 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में कुल 166 दिन बैठक की थी।
इतने वक्त में लिखा गया संविधान
संविधान समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने दो साल और 11 महीनों में संविधान का पहला ड्राफ्ट लिखा था।
दुनिया का सबसे बड़ा संविधान
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है। इसमें अब 450 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं जिन्हें 22 भागों में बांटा गया है। लेकिन जब इसे बनाया गया था तब इसमें 395 अनुच्छेद हुआ करते थे जो 22 भागों में बांटे गए थे उस वक्त इसमें सिर्फ 8 अनुसूचियां ही शामिल थीं।
यहाँ मौजूद है लिखित संविधान
भारतीय संविधान की हिंदी और इंग्लिश में दो लिखित प्रतिलिपियाँ हैं जिन्हें संसद में हीलियम से भरे केस में रखा गया है।
संविधान की हैंडराइटिंग है जबरदस्त
हमारा संविधान बहुत सुन्दर हैण्डराइटिंग में लिखा गया है। इसे प्रेम बिहारी नारायण नाम के आर्टिस्ट ने लिखा था और यह देहरादून में पब्लिश हुआ था।
ये थे गणतंत्र दिवस के पहले मेहमान
हर साल गणतंत्र दिवस पर किसी दूसरे देश की हस्ती भारत आकर शिरकत करती है। क्या आप जानते हैं कि 26 जनवरी 1950 को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्नो पहले मुख्यअतिथि बने थे।
सेलिब्रेशन में बजता है क्रिश्चियन गाना
गणतंत्र दिवस की परेड के दौरान एक क्रिश्चियन गाना Abide with Me बजाया जाता है। यह गाना इसलिए बजाया जाता है क्योंकि यह महात्मा गांधी के पसंदीदा गानों में से एक हुआ करता था।
हमेशा राजपथ पर नहीं होता था सेलिब्रेशन
1950 से 1954 के दौरान गणतंत्र दिवस का सेलिब्रेशन दिल्ली में अलग-अलग जगहों पर होता था। इसके बाद राजपथ इसकी स्थाई जगह बन गई। अगर इस आर्टिकल को पढ़कर आपकी कुछ पुरानी यादें ताजा हो गईं तो इन्हें अपने करीबियों के साथ शेयर करना ना भूलें।
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