दुल्हन से हुआ जबरदस्त प्यार, कैसे किया जानिए
दुल्हन से हुआ जबरदस्त प्यार, कैसे किया जानिए
प्यार तो सबको होता है, लेकिन मुझे तो एक दुल्हन से प्यार हो गया, क्या करें ये दिल है की मानता ही नहीं. जब से उसे देखा है, मेरा तो किसी भी काम में मन नहीं लग रहा है. बस मुझे उसी का चेहरा ही सब जगह दिख रहा है. मेरे घर वाले मुझे पागल बोलने लगे हैं. क्योंकि मुझे अब किसी भी चीज का होश नहीं रहता था, मैं तो बस उसी के ख्यालों में खोया रहता था. अब आप सोंच रहे होंगे की मुझे एक दुल्हन से कैसे प्यार हो गया, तो मैं आपको बता दूँ इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, सारा कसूर इस दिल का है.
दरअसल, मेरे घर के बगल में अर्जुन नाम का एक लड़का रहता था, जो दिनभर नशे में रहता था. उसे नशे की लत लग चुकी थी. सब उससे परेशान रहते थे. किसी से अर्जुन के घर वालों को सलाह दे दी कि इसकी शादी करवादो, उसका नशा करना बंद हो जायेगा. फिर रिश्ते दारों ने एक अच्छी सी लड़की ढूढ़ कर अर्जुन की शादी करवा दी. कुछ दिन तक तो सब ठीक था, लेकिन अर्जुन अपनी नशे की लत को छोड़ न सका. वो अब पहले से ज्यादा नशा करने लगा.
उसकी पत्नी उससे परेशान रहने लगी थी. एक दिन मैं अपने छत पर बैठा था, तभी अर्जुन की पत्नी गिले कपड़े सुखाने के लिए छत पर आई. मैं गाना सुन रहा था, तभी मेरी नजर अर्जुन की पत्नी पर गई, वो मुझे बड़े गौर से देख रही थी. पहले मुझे अजीब सा लग रहा था. ऐसा कई दिनों तक चलता रहा. उनके घर से मेरे बहुत अच्छे रिश्ते थे. अर्जुन भी मेरा भाई जैसा था.

एक दिन अर्जुन की पत्नी को बाजार जाना था. लेकिन अर्जुन उस दिन बहुत नशे में था, और अर्जुन के पापा की तबियत ठीक नहीं थी. इसलिए उन्होंने मुझे अर्जुन की पत्नी के साथ जाने के लिए बोल दिया. जब मैं अर्जुन की पत्नी को अपनी बाइक में बैठाया और उसे बाजार ले गया, जब वो बाइक में बैठी थी तो मुझसे चिपक गई, पहले तो मुझे बहुत आजीब लगा, लेकिन मैंने नजर अंदाज कर दिया. फिर उसने कई सारा सामान ख़रीदा, फिर हम एक रेस्तरां में गए, वहां उसने मेरा हाँथ पकड़ लिया और मुझे अपने दिल की बात बताने लगी, फिर मेरे कंधे पर अपना सिर रख कर रोने लगी. उसने बताया की शादी को आठ महीने हो गए हैं,
लेकिन अभी तक अर्जुन ने उसे छुआ भी नही है. मेरा दिल पिघल गया, फिर हम वापस घर आ गए, रोज सुबह हम छत पर मिलने लगे. धीरे-धीरे हमारा प्यार बढ़ने लगा, वो मुझसे बहुत प्यार करने लगी और मैं भी उससे प्यार करने लगा, लेकिन हमें पता था कि हमारा प्यार कोई भी स्वीकार नही करेगा. हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, फिर एक दिन मेरी नौकरी लग गई, जो कि बहुत दूर थी. एक दिन मैं उसे लेकर भाग गया और जहाँ नौकरी लगी थी, वहीँ रहने लगा, हमने शादी भी कर ली थी. उसका अर्जुन से तलाक भी करवा दिया था. अब वो भी मेरे से बहुत खुश रहती है.
प्यार तो सबको होता है, लेकिन मुझे तो एक दुल्हन से प्यार हो गया, क्या करें ये दिल है की मानता ही नहीं. जब से उसे देखा है, मेरा तो किसी भी काम में मन नहीं लग रहा है. बस मुझे उसी का चेहरा ही सब जगह दिख रहा है. मेरे घर वाले मुझे पागल बोलने लगे हैं. क्योंकि मुझे अब किसी भी चीज का होश नहीं रहता था, मैं तो बस उसी के ख्यालों में खोया रहता था. अब आप सोंच रहे होंगे की मुझे एक दुल्हन से कैसे प्यार हो गया, तो मैं आपको बता दूँ इसमें मेरी कोई गलती नहीं है, सारा कसूर इस दिल का है.
दरअसल, मेरे घर के बगल में अर्जुन नाम का एक लड़का रहता था, जो दिनभर नशे में रहता था. उसे नशे की लत लग चुकी थी. सब उससे परेशान रहते थे. किसी से अर्जुन के घर वालों को सलाह दे दी कि इसकी शादी करवादो, उसका नशा करना बंद हो जायेगा. फिर रिश्ते दारों ने एक अच्छी सी लड़की ढूढ़ कर अर्जुन की शादी करवा दी. कुछ दिन तक तो सब ठीक था, लेकिन अर्जुन अपनी नशे की लत को छोड़ न सका. वो अब पहले से ज्यादा नशा करने लगा.
उसकी पत्नी उससे परेशान रहने लगी थी. एक दिन मैं अपने छत पर बैठा था, तभी अर्जुन की पत्नी गिले कपड़े सुखाने के लिए छत पर आई. मैं गाना सुन रहा था, तभी मेरी नजर अर्जुन की पत्नी पर गई, वो मुझे बड़े गौर से देख रही थी. पहले मुझे अजीब सा लग रहा था. ऐसा कई दिनों तक चलता रहा. उनके घर से मेरे बहुत अच्छे रिश्ते थे. अर्जुन भी मेरा भाई जैसा था.

एक दिन अर्जुन की पत्नी को बाजार जाना था. लेकिन अर्जुन उस दिन बहुत नशे में था, और अर्जुन के पापा की तबियत ठीक नहीं थी. इसलिए उन्होंने मुझे अर्जुन की पत्नी के साथ जाने के लिए बोल दिया. जब मैं अर्जुन की पत्नी को अपनी बाइक में बैठाया और उसे बाजार ले गया, जब वो बाइक में बैठी थी तो मुझसे चिपक गई, पहले तो मुझे बहुत आजीब लगा, लेकिन मैंने नजर अंदाज कर दिया. फिर उसने कई सारा सामान ख़रीदा, फिर हम एक रेस्तरां में गए, वहां उसने मेरा हाँथ पकड़ लिया और मुझे अपने दिल की बात बताने लगी, फिर मेरे कंधे पर अपना सिर रख कर रोने लगी. उसने बताया की शादी को आठ महीने हो गए हैं,
लेकिन अभी तक अर्जुन ने उसे छुआ भी नही है. मेरा दिल पिघल गया, फिर हम वापस घर आ गए, रोज सुबह हम छत पर मिलने लगे. धीरे-धीरे हमारा प्यार बढ़ने लगा, वो मुझसे बहुत प्यार करने लगी और मैं भी उससे प्यार करने लगा, लेकिन हमें पता था कि हमारा प्यार कोई भी स्वीकार नही करेगा. हमें कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, फिर एक दिन मेरी नौकरी लग गई, जो कि बहुत दूर थी. एक दिन मैं उसे लेकर भाग गया और जहाँ नौकरी लगी थी, वहीँ रहने लगा, हमने शादी भी कर ली थी. उसका अर्जुन से तलाक भी करवा दिया था. अब वो भी मेरे से बहुत खुश रहती है.
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